Sunday, December 11, 2011

ववासीर और रक्तस्राव की स्वानुभूत कारगार दवा


गुदामार्ग से रक्तश्राव, खूनी और बादी दोनों प्रकार के बवासीर में ये औधषि कारगर है। ये औषधि भी स्वानुभूत है। वैसे इस औधषि के बारे में बचपन से ही जानता था। कई लोगों को आजमाने के लिए भी कहा, लेकिन किसी ने परिणाम नहीं बताया। अब औषधि स्व-परीक्षित है। इस औषधि पर शंका करने की मेरी वजह थी, इसकी सरलता और सर्वउपलब्धता। खुद ही देखिए इतनी सरल है ये औषधि--

सूखे नारियल की जटा, जिससे रस्सी, चटाई आदि बनाते हैं। इस भूरे जटा को जलाकर राख बना लें और इसे अच्छी तरह छान लें। इस छनी हुई जटा-भष्म में तीन चम्मच निकालें और एक-एक चम्मच की पुड़िया बनाएं।
एक पुड़िया जटा-भष्म को मीठे दही या छाछ(जो खट्टा नहीं हो) में मिलाकर एकबार ले लें। ववासीर जड़मूल से नष्ट हो जाएगा। जरूरत पड़े तो दोबारा भी इस्तेमाल किया जा सकता है। वैसे दुबारा इस्तेमाल की जरूरत नहीं पड़ती है।

हां, ववासीर में खट्टे, मसालेदार, चटपटा खाना से परहेज करना पड़ता है।
ये दवा पुराने से पुराने और भयंकर से भयंकर ववासीर में लाभप्रद है।
ये औषधि श्वेत प्रदर और रंग-प्रदर में भी समान रूप से गुणकारी है।
रक्तश्राव, हैजा, वमन, हिचकी में भी इसे लाभकारी माना गया है।

4 comments:

  1. घर बैठे पैसे कमाए या फिर HTTP://WWW.HOMEBASEDJOB.BIZ सरकारी नौकरी HTTP://WWW.NVRTHUB.COM

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  2. यह दवा को बहूत से लोगो ने सम्रथन दिया। ह
    हम देखें गे

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  4. लेकिन दही भी तो खट्टा होता ह और अगुर भी

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